मैं रास्ते भूलता हूं
और इसीलिए नए रास्ते मिलते हैं
मैं अपनी नींद से निकलकर
प्रवेश करता हूं
किसी और की नींद में
इस तरह पुनर्जन्म होता रहता है
मैं अपनी नींद से निकलकर
प्रवेश करता हूं
किसी और की नींद में
इस तरह पुनर्जन्म होता रहता है
एक ज़िन्दगी में
एक ही बार पैदा होना
और एक ही बार मरना
जिन लोगों को शोभा नहीं देता
मैं उन्हीं में से एक हूं
एक ही बार पैदा होना
और एक ही बार मरना
जिन लोगों को शोभा नहीं देता
मैं उन्हीं में से एक हूं
फिर भी नक्शे पर जगहों को
दिखाने की तरह ही होगा
मेरा जि़न्दगी के बारे में कुछ कहना
बहुत मुश्किल है बताना
कि प्रेम कहां था किन-किन रंगों में
और जहां नहीं था प्रेम
उस वक्त वहां क्या था
दिखाने की तरह ही होगा
मेरा जि़न्दगी के बारे में कुछ कहना
बहुत मुश्किल है बताना
कि प्रेम कहां था किन-किन रंगों में
और जहां नहीं था प्रेम
उस वक्त वहां क्या था
पानी, नींद और अंधेरे के भीतर
इतनी छायाएं हैं और
आपस में प्राचीन दरख़्तों की जड़ों की तरह
इतनी गुत्थम-गुत्था
कि एक-दो को भी निकाल कर
हवा में नहीं दिखा सकता
इतनी छायाएं हैं और
आपस में प्राचीन दरख़्तों की जड़ों की तरह
इतनी गुत्थम-गुत्था
कि एक-दो को भी निकाल कर
हवा में नहीं दिखा सकता
जिस नदी में गोता लगाता हूं
बाहर निकलने तक
या तो शहर बदल जाता है
या नदी के पानी का रंग
शाम कभी भी होने लगती है
और उनमें से एक भी दिखाई नहीं देता
जिनके कारण चमकता है
अकेलेपन का पत्थर।
-चन्द्रकांत देवताले
बाहर निकलने तक
या तो शहर बदल जाता है
या नदी के पानी का रंग
शाम कभी भी होने लगती है
और उनमें से एक भी दिखाई नहीं देता
जिनके कारण चमकता है
अकेलेपन का पत्थर।
-चन्द्रकांत देवताले
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