Saturday, September 22, 2012

ऑडिशन के लिए मिली थी सिर्फ़ एक लाइन-टीकू तलसानिया

मैं पूरी तरह से थिएटर को समर्पित था। साल 1984 में इंडियन नेशनल थिएटर के लिए एक नाटक कर रहा था, जिसे देखने कुंदन शाह आए थे। कुंदन जी इंटरवल में मेरे पास आए और टीवी सीरियल यह जो है ज़िंदगी में काम करने का ऑफर दिया। ऑडिशन में मुझे एक ही लाइन बोलने के लिए दी गई। लाइन थी, यह क्या हो रहा है....। मैंने कुंदन जी से पूछा, 'यह क्या है!' तो उन्होंने कहा कि बस यही बोलकर दिखाओ। मैंने उस एक लाइन पर इतना ज़्यादा ज़ोर दिया कि वो टैगलाइन बन गई, और आज भी लोग उसे भूले नहीं हैं। सीरियल भी सुपरहिट रहा। मुझे अभिनेता ही बनना था और टेलीविज़न पर मेरी शुरुआत धमाकेदार हुई थी।
मैं ख़ुशनसीब हूं कि हमेशा सही समय पर सही जगह पहुंचा। फ़िल्मों में मेरी शुरुआत रविकांत नगाइच की फ़िल्म ड्यूटी से हुई। रविकांत जी के एक दोस्त ने मुझसे संपर्क किया और फ़िल्म में काम करने को कहा। मुझे मुख्य विलेन की भूमिका निभानी थी, लेकिन पैसे बहुत कम थे। थिएटर से जुड़े होने के कारण हमेशा नए तरह के रोल करने की हसरत होती है, इसलिए मैंने हां कर दी। फ़िल्म तो चली नहीं, लेकिन उसके बाद काम मिलने लगा। मुझे याद है, मैंने रविकांत जी से पूछा था कि मुझे लेकर फ़िल्म बनाने का क्या कारण था। उन्होंने कहा कि मुझे फ़िल्म में इसलिए लिया गया था क्योंकि मेरा चेहरा दक्षिण के एक अभिनेता से मिलता-जुलता था।
अपने काफी लंबे करियर के दौरान थिएटर के साथ-साथ कई टेलीविज़न सीरियल्स और फ़िल्मों के लिए काम कर चुका हूं। थिएटर के शो अमूमन रात को होते हैं, इसलिए दिन में शूटिंग के लिए आराम से समय निकाल लेता हूं। लेकिन थिएटर अब भी मेरा पहला प्यार है, इसलिए नियमित रूप से शो करता हूं। इन दिनों सबटेलीविज़न के लिए कॉमेडी शो कर रहा हूं, जिसका नाम है, गोलमाल है भाई सब गोलमाल है....। इसके अलावा दो फ़िल्में आने वाली हैं, जिनमें से एक 3-डी फ़िल्म है। 
-टीकू तलसानिया से बातचीत पर आधारित 

(अमर उजाला, मनोरंजन परिशिष्ट के 'फर्स्ट ब्रेक' कॉलम में 23 सितंबर 2012 को प्रकाशित) 

7 comments:


  1. इस सार्थक पोस्ट के लिए बधाई स्वीकारें.
    कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें , अपना स्नेह प्रदान करें.

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  2. बहुत ही उम्दा पोस्ट |पढ़कर बहुत अच्छा लगा आभार |

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  3. क़ाबिलियत हो तो राह मिल ही जाती है.
    See your link here
    http://blogkikhabren.blogspot.com/2012/09/blog-post_25.html

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  4. मौका चाहिए |
    ऊपर वाले की कृपा ||

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  5. आपके ब्लॉग पर पहली बार आना हुआ है. अब समय मिलने पर आपकी पुरानी पोस्ट भी जरुर पढूंगा. मुझे लगता है कि यहाँ पर मुझे काफी अच्छे विचारों से अवगत होने का मौका मिलेगा. इस सार्थक पोस्ट के लिए बधाई स्वीकारें. कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें , अपना स्नेह प्रदान करें.

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  6. बहुत बढ़िया |

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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