(पोलिश कवि तादयुस्ज रोज़विच की कविता. बिल जॉन्सन के
अंग्रेज़ी अनुवाद के आधार पर हिन्दी में अनुवाद उदय प्रकाश का.
साथ में पिकासो की कलाकृति 'बस्ट ऑफ ए मैन राइटिंग'.)
कभी-कभी 'जीवन' उसे छिपाता है
जो जीवन से ज़्यादा बड़ा है
कभी-कभी पहाड़ उस सबको छुपाते हैं
जो पहाड़ों के पार है
इसीलिए पहाड़ों को खिसकाया जाना चाहिए
लेकिन पहाड़ों को खिसकाने लायक
न तो मेरे पास तकनीकी साधन हैं
न ताकत
न भरोसा
इसलिए मैं जानता हूं कि आप उन्हें इसी जगह देखते रहेंगे
और यही वजह है कि
मैं लिखता हूं।
अंग्रेज़ी अनुवाद के आधार पर हिन्दी में अनुवाद उदय प्रकाश का.
साथ में पिकासो की कलाकृति 'बस्ट ऑफ ए मैन राइटिंग'.)
कभी-कभी 'जीवन' उसे छिपाता है
जो जीवन से ज़्यादा बड़ा है
कभी-कभी पहाड़ उस सबको छुपाते हैं
जो पहाड़ों के पार है
इसीलिए पहाड़ों को खिसकाया जाना चाहिए
लेकिन पहाड़ों को खिसकाने लायक
न तो मेरे पास तकनीकी साधन हैं
न ताकत
न भरोसा
इसलिए मैं जानता हूं कि आप उन्हें इसी जगह देखते रहेंगे
और यही वजह है कि
मैं लिखता हूं।
बेहद गहन चिन्तन
ReplyDeleteसचमुच अच्छा है
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2. ग़ज़लों के खिलते गुलाब
आप भी लिखती रहिये... :)
ReplyDeleteभावो को संजोये रचना......
ReplyDeleteगहरा चिंतन ...
ReplyDeleteयह भी एक ज़िम्मेदारी है।
ReplyDeleteWhen faith doesn't move mountains...! Anuvaadon ke baad bhi mool bhaav yathaavat hai. Thanks for sharing.
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