जल्द इकट्ठे करो
वो तमाम गीत
जो याद हैं तुम्हें
उछालो उन्हें
सूरज की तरफ
इससे पहले कि
पिघल जाएं वो
बर्फ़ की तरह।
-Translation of one of the poems by American poet/novelist
Langston Hughes
वो तमाम गीत
जो याद हैं तुम्हें
उछालो उन्हें
सूरज की तरफ
इससे पहले कि
पिघल जाएं वो
बर्फ़ की तरह।
-Translation of one of the poems by American poet/novelist
Langston Hughes
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
अच्छी रचना का सुन्दर अनुवाद
ReplyDeletebhut hi acche shabd rachna...
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