Friday, May 6, 2011

स्तवक

जल्द इकट्ठे करो
वो तमाम गीत
जो याद हैं तुम्हें

उछालो उन्हें
सूरज की तरफ
 

इससे पहले कि
पिघल जाएं वो
बर्फ़ की तरह।

-Translation of one of the poems by American poet/novelist 

Langston Hughes

3 comments:

  1. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  2. अच्छी रचना का सुन्दर अनुवाद

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