तेज़ रफ़्तार कार में
अमरकंटक से लौटते हुए
अचानक मिली ख़बर
'दंतेवाड़ा में जेल-ब्रेक
303 क़ैदी फ़रार
ज़्यादातर नक्सली'
रूचिर जी के
'फोनो' के बीच
कौंधते रहे कई विचार
कौंधते रहे कई विचार
उल्टे-सीधे, अनर्गल
कुछ देर बाद
उनके चेहरे पर लौटे
ख़ुशी और संतोष के
उनके चेहरे पर लौटे
ख़ुशी और संतोष के
मिले-जुले आसार
मेरे होंठों पर भी
मेरे होंठों पर भी
आ गई मुस्कराहट
और हादसे को भूल
और हादसे को भूल
फिर से शामिल हो गई
मैं उस तिकड़ी में।
मैं उस तिकड़ी में।
-माधवी
gd 1..................yash
ReplyDeleteThanks !!
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