Monday, March 21, 2011

विश्व कविता दिवस पर

इसी लम्बी मुसाफ़िरी में मैंने कविता बनाने के ज़रूरी तत्वों को पा लिया है। धरती और आत्मा के योगदान को प्राप्त किया है। मुझे यक़ीन हो चुका है कि कविता एक कार्यवाही है। वह भले ही क्षणभंगुर है या अहम है या पाक़ीज़ा है, परन्तु उसमें बराबर की हिस्सेदारी की तरह अकेलेपन और हमदर्दी का समावेश है। कविता में भाव और कार्यवाही, ख़ुद के प्रति निकटता, इंसानियत के प्रति निकटता और क़ुदरत की रहस्यमयी अभिव्यक्ति का समावेश है। आज पूरी शक्ति से मैं सोचता हू कि बिरादरी के वृहद अर्थ में, पूरे प्रयास के साथ, यह सभी चीज़ें अविचलित और अखंड हैं जैसे- आदमी और उसकी परछाईं, आदमी और उसका व्यवहार, आदमी और उसकी कविता। ये चीज़ें यथार्थ और सपने को क़रीब लाती हैं। मुख्तसर में मैं कहूंगा कि कविता इन चीज़ों को जोड़ती और मिलाती है। इसलिए मैं कहता हू कि इतने वर्षों के बाद भी मैं आज तक यह जान नहीं पाया हू कि ख़तरनाक उफ़ान आई नदी को भी मैंने कैसे पार कर लिया था, बैल के कंकाल के एतराफ़ मैंने नृत्य कैसे किया था। ख़ूब ऊचाई से गिरते निर्झर में मैंने स्नान कैसे किया था; जबकि मेरे पास कोई ट्रेनिंग नहीं थी; कोई अभ्यास नहीं था। मेरे दोस्तो, इन सब बातों से हमारे भीतर एक अन्तर्दृष्टि पैदा होती है। कवि को अन्य लोगों से सीखना चाहिए, क्योंकि कभी अलंघ्य अकेलापन नहीं होता है। हमें अकेलेपन और कठिनाई से पार्थक्य रखना और ख़ामोशी से गुज़रना चाहिए ताकि हम उन्नत स्थान पर पहुच सकें जहा हम अपने बेतुके और फूहड़ नृत्य को कर सकें; अपने दुखभरे गीत गा सकें, किन्तु उस नृत्य और उस गीत में आदमी होने की सजगता हो, हमारी चेतना की सबसे पुरातन प्रक्रिया और साझेदारी के लक्ष्य की पूर्ति हो।
-पाब्लो नेरूदा

4 comments:

  1. इक शब्द...

    सर्वोत्तम!

    ReplyDelete
  2. नेरूदा के लिए.. यही इक शब्द है !!

    ReplyDelete
  3. मुझे यक़ीन हो चुका है कि कविता एक कार्यवाही है.... वाह !
    नेरूदा का यह अंश कमाल का है।
    पढ़वाने के लिए शुक्रिया... अभिलाषा

    ReplyDelete
  4. -------- यदि आप भारत माँ के सच्चे सपूत है. धर्म का पालन करने वाले हिन्दू हैं तो
    आईये " हल्ला बोल" के समर्थक बनकर धर्म और देश की आवाज़ बुलंद कीजिये...
    अपने लेख को हिन्दुओ की आवाज़ बनायें.
    इस ब्लॉग के लेखक बनने के लिए. हमें इ-मेल करें.
    हमारा पता है.... hindukiawaz@gmail.com
    समय मिले तो इस पोस्ट को देखकर अपने विचार अवश्य दे
    देशभक्त हिन्दू ब्लोगरो का पहला साझा मंच
    क्या यही सिखाता है इस्लाम...? क्या यही है इस्लाम धर्म

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...